मुजफ्फरनगर । जनपद में पांच दिन के भीतर लगातार दूसरी हत्या और दोनों ही घटनाओं में सवालों के घेरे में जनपद पुलिस। बुढाना के शाहरुख हत्याकांड में चौकी बायवाला प्रभारी व हेड कांस्टेबल सस्पेंड हो गए हैं, जबकि मीरापुर दलपत चौकी प्रभारी की भूमिका जांच के दायरे में है।
बुढ़ाना कोतवाली क्षेत्र के गांव बड़ौदा निवासी युवक शाहरुख की हत्या में बायवाला चौकी प्रभारी एसआई सुरेंद्र सिंह व हेडकांस्टेबल उम्मेद सिंह की भूमिका सवालों के घेरे में है। एसएसपी अभिषेक यादव ने चौकी प्रभारी व हेड कांस्टेबल को सस्पेंड कर भूल सुधारने का प्रयास किया है, लेकिन मीरापुर दलपत निवासी किसान प्रवेश पुत्र रामे के परिजनों को अभी भी इसका इंतजार है । दरअसल, प्रवेश ने कुछ समय पूर्व गांव के ही दबंग से दो लाख रुपये ब्याज पर लिए थे, जिसके एवज में उसने अपनी दो बीघा बेशकीमती जमीन बंधक रखी थी। पत्नी पिंकी का कहना है कि दबंग ने तीन साल के भीतर उक्त रकम दो लाख से बढ़ाकर 7.50 लाख करने के साथ ही जबरन जमीन पर भी कब्जा कर लिया। इसके बाद प्रवेश को धमकियां मिलने लगीं, जिसकी शिकायत वह लगातार पुलिस से करता रहा, लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। लापरवाही का आलम यह कि हत्या से चंद घंटे पूर्व प्रवेश ने सीओ जानसठ शकील अहमद से मिलकर जान का खतरा जताते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई और अगली सुबह खेत में उसकी लाश मिली। तहरीर पर आठ लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज होने के बावजूद पांच दिन बाद भी किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
इन्होंने कहा .........
एसएसपी अभिषेक यादव का कहना है कि मीरापुर दलपत निवासी किसान की हत्या में कई और तथ्य सामने आ रहे हैं। प्रथम दृष्टया जांच में पुलिस लापरवाही नहीं पाई गई है। जांच जारी है और जल्द इसका खुलासा किया जाएगा। वहीं, बायवाला चौकी प्रभारी व हेडकांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया है।