मुजफ्फरनगर खतौली मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन के जिला अध्यक्ष मौलाना इमरान कासमी ने सरकार द्वारा शराब की दुकानें खोलने की अनुमति देने पर सवाल उठाए हैं।
कहा सोशल डिस्टेंसिंग को धता बताकर दुकानों के बाहर जुटी भीड़ और ग्राहकों के असभ्य व्यवहार का जिक्र किया है।
मौलाना इमरान कासमी ने इस फैसले की निंदा करते हुए कहां जिस देश में भूखे लाइन में लगे हो खाने को भोजन ना हो और जहां पूरा देश संकट में हो कोरोना महामारी जैसी बीमारी से लोग जूझ रहे हो क्या ऐसे में सरकार को जरूरी था शराब की दुकानें खुलवाना । ,एक ओर इस जानलेवा महामारी के बीच सरकार को सभी मंदिरों, मस्जिदों और चर्च को मजबूरन बंद करना पड़ा , क्योंकि सोशल डिस्टेंसिंग संभव नहीं है, लेकिन शराब की दुकानें खोलना क्या ठीक है, भले ही वे सोशल डिस्टेंस बनाकर न रखें"
सरकार पहले लोगों की तकलीफ को दूर करें।" सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है।
एक जहां पुलिस व डॉक्टर अपनी जान की परवाह किए बिना पूरे देश को बचाने लगे हो कोरोना जैसी महामारी से निपटने को रात दिन काम कर रहे हो। वहां सरकार इनके मंसूबों पर पानी शेरती नजर आ रही है । शराब प्रेमियों के आगे पुलिस लाचार नजर आ रही है। शराब के लिए लोगों को सड़कों पर घूमता और शराब पीकर झूमता देखकर लोग हैरान हैं।
यही कारण है कि भारत में लॉकडाउन में छूट देना काम नहीं करेगा।
शराब की दुकानें खोलने के सरकार के फैसले पर जिला अध्यक्ष ने सवाल उठाया आखिर सरकार ने शराब को क्यों जरूरी समझा।