प्राइवेट पैथोलाॅजी लैबों द्वारा फैलाई जा रही दहशत

कोरोना महामारी की दहशत के चलते जहां नागरिकों की जान संकट में है। वहीं कुछ प्राइवेट लैब द्वारा लोगों की इस दहशत को भुनाने का मामला सामने आया है। मेरठ की एक पैथोलाॅजी लैब द्वारा आठ लोगों की पाॅजिटिव रिपोर्ट को जब स्वास्थ्य विभाग ने क्राॅस चैक कराया तो छह लोग निगेटिव पाए गए। डीएम और सीएमओ ने शासन से इस लैब का लाइसेंस निरस्त करने की मांग की है। दिल्ली रोड स्थित रानी मिल के पास मॉर्डन पैथोलॉजी लैब का कलेक्शन सेंटर है और इन सेंपल की जांच गुरुग्राम स्थित लैब से कराई जाती है। पिछले दो दिन के भीतर जिले के अलग-अलग इलाकों में रहने वाले आठ संदिग्ध मरीजों ने अपनी कोरोना जांच कराई थी। जांच के दौरान लैब द्वारा दी गई रिपोर्ट में आठ व्यक्तियों को कोरोना पॉजिटिव बताया गया। दहशत में आए मरीज अस्पतालों में भर्ती होने पहुंचे तो उनकी दोबारा से जांच कराई गई, तब इनमें से छह व्यक्ति निगेटिव पाए गए। इस जांच रिपोर्ट से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। इस लैब से अब तक कई डाॅक्टरों समेत 24 लोगों की जांच रिपोर्ट पाॅजिटिव बताई गई। नेेगेटिव पाए गए सभी छह लोगों को मुलायम सिंह यादव मेडिकल काॅलेज से सुभारती मेडिकल काॅलेज में भर्ती करा दिया गया है। इस फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद सीएमओ डाॅ राजकुमार और डीएम अनिल ढींगरा ने शासन को पत्र भेजकर लैब का लाइसेंस रद्द करने की मांग की है।