खबर मुजफ्फरनगर के कस्बा खतौली से है रुड़की जिला सहारनपुर से पैदल ही रवाना हो चले अपने घर 10 युवक ।बता दें कि यह सभी लोग मजदूरी बेस पर एक फैक्ट्री में कार्य करते थे 300 रूपये पर व्यक्ति लेबर पर कार्य करता था । लॉक डाउन मैं फैक्ट्री बंद हो गई थी यह सभी लोगलॉक डाउन होने के बाद फैक्ट्री मैं ही वहां पर फंस गए ।
जानकारी में फिरोज आलम ने बताया कि कुछ दिनों तक ही मालिक लोगों ने हमारा ध्यान रखा उसके बाद हमने अपने खर्च से खाने-पीने की जरूरत पूरी की जब तक पैसा रहा तब तक हम लोग लाॅक डाउन खुलने का इंतजार करते रहे । आखिर इंतजार भी कब तक करते जब हमारे पास पैसा भी खत्म हो गया। तो हमने बिना कुछ सोचे समझे घर की ओर रुख तय कर लिया ।
रुड़की से खतौली तक के सफर में हमें 58 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा रास्ते में लोगों ने हमारी मदद करी जबकि हमारे पास पैसे नहीं थे लोगों ने हमारे लिए भोजन व फल की व्यवस्था की कुछ लोगों से लिफ्ट ली सफर में राह चलते लोगों ने अपने वाहन में बैठाया। कहीं चले पैदल तो कहीं सवारी का हुआ इंतजाम बता दें कि सभी लोग लखनऊ बाराबंकी हरदोई निवासी हैं