मुसीबतों भरा सफर तय कर घर पहुंच रहे श्रमिक अपनी मंज़िल की ओर, आखिर कोन और कब सुनेगा इन मजदूरों की ।
लखनऊ। दूर-दराज के क्षेत्रों में मजदूरी कर अपने परिवार का पालन करने वाले श्रमिकों की लाॅक डाउन ने कमर तोड़कर रख दी।
एक तो काम बन्द होने से परेशान दूसरे मकान मालिकों का किराया जिसके के कारण मकान मालिको ने भी श्रमिकों को बाहर का रास्ता दिखाना ओर निकालना सूरू कर दिया आखिर ऐसे में जाऐं कहां । जेब में रुपये न होने के कारण पेट भरना भी नामुमकिन है।
इन सभी मजदूरों को परिवार के पास पहुंचने के लिए सरकार की ओर से भी कोई साधन भी नही मिल सका । हर तरफ से होना पड़ा मायूस मिली तो मिली धुत्तकार। ऐसी स्थिति में मरना तो हर तरह से हो रहा था।
ऐसे श्रमिकों ने घर आने की ठान ली, ओर लम्बे सफर पर पैदल ही चल दिए।
रास्ते में कुछ अन्य वाहनों में जितना भी सफर तय किया
उतना सफर तय किया। अन्यथा पैदल ही अपनी मंजिल की ओर निकल पड़े बैठ लम्बी यात्रा के बाद जरा देखो लखनऊ आलमबाग से सुल्तानपुर कों जाने का कोई साधन नहीं मिला तो ये ग़रीब युवक अपने बच्चों को साइकिल से ही ले चला । लम्बा सफर और पैदल फिर धूप सभी से सामना करना है मासूम बच्चे जो किसी स्कूल में जाते होंगे सड़क के दोनों और दुकानों पर लिखे आलम बाग को पढ़ रहे हैं बच्चों का अभ्यास बता रहा है कि वो आने वाले समय मे अपने इस सफर को याद रखेंगे। माता पिता की आँखे जरूर उनके पैदल सफर पर कभी कभी भर आती हैं
मुसीबतों भरा सफर तय कर घर पहुंच रहे श्रमिक
• Salim Khan