मुजफ्फरनगर-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही, कोरोना वारियर कह कर उनके लिए देश से ताली बजवा रहे हो,मुख्यमंत्री योगी अपने पिता की अंतिम क्रिया में भी न जाकर जिनके साथ कोई अभद्रता होने पर रासुका लगाने की चेतावनी दे रहे हो, पर अभी भी कुछ सरकारी अफसर है,कि सुधरने को तैयार ही नहीं है,इस समय जब पूरा विश्व कोरोना की महामारी से परेशान है,सरकारी अफसर इसमें भी लूट का कोई मौका नहीं छोड़ रहे है,ऐसा ही शर्मनाक कारनामा मुजफ्फरनगर में आज सामने आया,जिसमे अपर जिलाधिकारी को छुट्टी पर भेज दिया गया है जबकि तहसीलदार को सस्पेंड कर दिया गया है |
जनपद के खतौली व चरथावल में क्वारंटीन सेंटरों पर गैरराज्यों से आये मजदूरों को दिए जाने वाले भोजन में बड़ा खेल सामने आया है। क्वारंटीन सेंटरों पर जो भोजन मजदूरों को दिया जा रहा था, उसकी गुणवत्ता खराब थी और साथ ही भरपेट भोजन भी नहीं दिया जा रहा था। शासन से भेजे गए नोडल अधिकारी आर.एन.यादव ने चरथावल के क्वारंटीन सेंटर का निरीक्षण किया, तो यह मामला पकड़ में आ गया और इसकी जांच कराई गई, तो पता चला कि जिस फर्म और फ्लोर मिल से खाद्यान सामग्री ली जा रही थी, उसका लाइसेंस ही फरवरी में समाप्त हो चुका था। इसके बाद फ्लोर मिल से सैंपल लेकर उसे सील कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार दो दिन पहले ही जिले में क्वारंटीन सेंटरों पर ठहरे मजदूरों को भोजन उपलब्ध कराने का ठेका 75 रुपये प्रति मजदूर प्रतिदिन का दे दिया गया। खतौली में सफेदा रोड पर स्थित अन्नपूर्णा फूड रोलर मिल को ये ठेका दे दिया गया। जिले में आए नोडल अधिकारी आरएन यादव चरथावल के क्वारंटीन सेंटर पहुंचे तो वहां मजदूरों ने ढाई बजे तक भोजन नहीं मिलने की शिकायत की,उसके बाद भी जो भोजन आया उसकी गुणवत्ता और क्वालिटी बेहद घटिया थी।मजदूरों ने बताया कि अब से पहले भरपेट भोजन मिल रहा था। बावजूद इसके दूसरी संस्था को अफसरों ने ठेका दे दिया और उसकी गुणवत्ता भी बहुत ख़राब है और समय पर भी नहीं आ रहा है |
नोडल अधिकारी ने जब इसकी जानकारी जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे.को दी तो उन्होंने तुरंत फर्म पर छापा मारने के आदेश दिए, जिसके बाद एसडीएम खतौली इंद्रकांत द्विवेदी,खाद्य विभाग की टीम के साथ फ्लोर मिल पर पहुंचे, तो वहां पता चला कि फर्म का पंजीकरण ही 20 फरवरी 2020 को समाप्त हो चुका है और नवीनीकरण भी नहीं है। एसडीएम ने लाइसेंस निरस्त मानते हुए मिल में सील लगा दी। मुख्य फूड अधिकारी विवेक कुमार की टीम ने खाद्य सामग्री के नमूने भर लिए।
एसडीएम इंद्रकांत द्विवेदी ने बताया कि फ्लोर मिल को सील कर दिया गया है। इस मामले की जांच जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी [वित्त एवं राजस्व] आलोक कुमार को सौंप दी है। इस मामले में एडीएम प्रशासन अमित कुमार सिंह व तहसीलदार सदर पुष्कर नाथ चौधरी की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है और करोडों रूपये का घपला भी जांच के बाद सामने आने की बात चर्चा में है। इस मामले में कई अन्य अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कराई जा रही है।
शासन ने भी इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है और जांच रिपोर्ट के बाद कडी कार्यवाही करने के संकेत दिये है। इस मामले में नोडल अधिकारी आरएन यादव ने बताया कि शासन मजदूरों के भोजन आदि को लेकर संवेदनशील है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है, कि इसमें लापरवाही नहीं होनी चाहिए। चरथावल के क्वारंटीन सेंटर का मामला संज्ञान में आया था,जिसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारीयों को दे दी गयी है |
सीडीओ आलोक यादव ने बताया है कि जिस फर्म को टेंडर दिया गया, उसको निरस्त कर दिया गया है, जिस प्रकार पहले से व्यवस्था चल रही थी, वैसे ही भरपेट भोजन की व्यवस्था जारी रहेगी, अब क्वारंटीन केंद्रों पर ही भोजन बनाया जाएगा।
*इसी बीच शासन के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित सिंह को तत्काल कार्यमुक्त कर दिया गया है और छुट्टी पर भेज दिया गया है,हालाँकि तर्क ये दिया जा रहा है कि वे स्वास्थ्य कारणों से 31 मई तक अवकाश पर गए है,जबकि जिलाधिकारी सेल्वाकुमारी जे ने तहसीलदार सदर पुष्कर नाथ चौधरी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है और नायब तहसीलदार जयेंद्र सिंह को नया तहसीलदार नियुक्त कर दिया गया है