मेरठ।
उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक अजीब मामला सामने आया है। यहां पर एक बंदर मेरठ मेडिकल कॉलेज के लैब के अंदर घुस आया। बंदर ने लैब टेक्निशियन के हाथ से जांच के सैंपल छीनकर भाग गया। हॉस्पिटल स्टाफ पीछे भागा तो बंदर पेड़ पर चढ़ गया और किट चबाने लगा। हॉस्पिटल स्टाफ ने उसका वीडियो बनाया। हालांकि वीडियो बनाने वाले लैब टेक्निशन को मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने नोटिस जारी किया है। हालांकि पहले यह सैंपल कोरोना जांच के होने की बात कही जा रही थी लेकिन मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इससे बाद में इनकार किया है। बन्दर के इस तरह लैब में घुस कर सेंपल को अपने कब्जे में करने की चर्चाएं दिन भर गश्त करती रही । बन्दर की मंशा क्या थी वो तो बन्दर ही जनता है लेकिन लोग कह रहे थे कि बन्दर सुस्त चाल से की जा रही जांच को गति देंना चाहता हैं क्योकि लोक डाउन के लंबे समय से चलते उसके जीवन पर संकट खड़ा हो गया है भूख से कब तक लड़ते रहेंगे जबकि लोक डाउन की कोई निश्चित सीमा नजर नही आ रही है। जांच को आये सेम्पल को चबा जाने और पी जाने से बन्दर यही संदेश देना चाहता है कि इससे बेहतर है कि कोरोना संक्रमित हो कर मर जाये। लेकिन बन्दर का यह कदम सही नही है इससे मानव जाति में ख़ौफ़ पैदा हो गया है कि कही बन्दर संक्रमित हो कर जान का खतरा न बन जाए। एक दिन कितनी जगह कूद फांद करेगा कुछ कहा नही जा सकता इससे एक बड़ी आबादी को सरकार को जरूर कोरन्टीन करना पड़ेगा ।
सूत्रों की मानें तो कोविड-19 रोगियों के सैंपल लेकर जांच के लिए मेरठ के एलएलआरएम लैब में ले जाया गया था। लैब टेक्निशन के हाथ से बंदर सैंपल छीन ले गया। लैब में मौजूद मेडिकल स्टाफ बंदर के पीछे सैंपल छीनने के लिए दौड़ा तो बंदर पेड़ पर चढ़ गया।
नीचे खड़ा स्टाफ बंदर से सैंपल वापस पाने की जुगत लगाने लगा, लेकिन उसी दौरान बंदर ने दांतों से सील बंद सैंपल फाड़ना शुरू कर दिया। तत्काल वन विभाग की टीम को सूचना दी गई। अस्पताल प्रशासन के उच्चाधिकारियों को भी सूचना दी गई लेकिन बंदर सैंपल दांतों से चबाकर वहां से भाग गया।
बंदर के भागने के बाद इलाके में दहशत है। लोगों का कहना है कि कहां सैंपल से बंदर संक्रमित न हो जाए और उससे इलाके में संक्रमण न फैल जाए। वन विभाग के लिए उस बंदर को चिन्हित करना मुश्किल है। जबकि सूत्रों का कहना है कि जिस लैब टेक्निशन ने बंदर का सैंपल चबाते हुए वीडियो बनाया उसे हॉस्पिटल प्रशासन ने नोटिस दिया है। उससे स्पष्टीकरण मांगा गया है कि उसने यह बात बाहर क्यों लीक की। कालिज के प्रिंसिपल जीके गर्ग ने इस मामले में जानकारी दी है कि बंदरों के एक समूह ने जो सैंपल लैब टेक्निशन के हाथ से छीना वह कोरोना की जांच के लिए नहीं था। वह सामान्य जांचों के सैंपल थे।