मुजफ्फरनगर के कस्बा खतौली। चंडीगढ़ से साइकिल पर सवार होकर एक दर्जन से अधिक मजदूर बिहार के सहरसा जाने के लिए खतौली में पहुंचे थे। इन लोगों को पुलिस ने एस एस पी के आदेश पर इन्हें रोक लिया था।
जिसकी सूचना उच्चाधिकारियों को सूचना दी गई थी।
जिसके बाद इन्हें खतौली के कबूल कन्या इण्टर कालेज में कारंटिन कर दिया गया था। सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद गत देर रात उन्हें रोडवेज बस की सहायता से बिहार भेजा गया है।
ज्ञात हो कि बिहार राज्य के जनपद सहरसा निवासी मिथुन ने बताया कि एक दर्जन व्यक्ति चंडीगढ़ के मोहाली में मजदूरी का काम करते हैं वह बिल्डिंग बनाने का काम कर रहे थे। कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में हुए लोग डाउन के कारण वह भी वहीं पर फंसे हुए थे, जब तक उनके पास रुपये रहे, तब तक उन्होंने परिस्थिति से लड़ने की कोशिश की। परंतु जब उनके पास पैसे खत्म होने लगे और किसी भी प्रकार की कोई सुविधा उन्हें मुहैया नहीं हो पाई तब उन्होंने घर जाने का मन बना लियां। एक दर्जन मजदूरों ने साइकिलो पर सवार होकर चंडीगढ़ से रवाना हो गए। लगभग चार दिन पहले जब वह खतौली जानसठ तिराहे के निकट पहुंचे , तो उन्हें पुलिस ने रोककर उच्चाधिकारियों को सूचना दी थी, अधिकारियों ने उन्हें कोरंटिन कर दिया था, तथा उनकी जांच के सैम्पिल भेज दिए थे। रिपोर्ट आने के बाद उन्हें मंगलवार की रात रोडवेज बस में सवार कर बिहार के लिए रवाना कर दिया गया, रोडवेज बस के ऊपर कैरियर ना होने के कारण उनकी साईकिलों को नही जाने दिया गया। इसी दौरान श्रमिक अपनी साईकिले ले जाने की जिद पर अड़े रहे, घंटों जद्दोजहद के बाद मौके पर मौजूद पुलिस ने बमुश्किल इन सभी मजदूरों को समझा-बुझाकर शांत किया और जाने के लिए बस में बैठा । पुलिस द्वारा भी अधिकारियों से संपर्क रहा मगर अधिकारियों ने साइकिले भेजने की इजाजत नही दी। जब इस बारे में एसडीएम खतौली इंन्द्राकांत द्विवेदी से बात की तो उन्होंने बताया कि रोडवेज डिपों की बसों के ऊपर जाल नही था। जिस कारण साईकिले साथ में भेजना मुश्किल था। इसलिए साईकिले नही भेजी गई
काॅलिज में कोरंटिन किए गए बिहार के श्रमिकों को पुलिस प्रशासन द्वारा भेजा गया घर ।