मुजफ्फरनगर।देखने मे आ रहा हैं कि कम उम्र के बच्चों को उनके माता पिता ने महंगे मोबाईल उपलब्ध करा रखें हैं तथा वह माता पिता मोबाईल दिलवाने कब बाद अपने बच्चो पर नजर नही रखते हाल में दिल्ली में यह देखने को मिला कि इंस्टाग्राम नामक सोशल मीडिया पर कुछ किशोरों द्वारा एक शर्मनाक हरकत सामने आई। दिल्ली के कुछ कम उम्र के बच्चे जिनकी उम्र चौदह से अठारह साल के बीच बताई जा रही है, इन बच्चो ने मिल कर बॉयज लॉकर रूम नाम का ग्रुप इंस्टाग्राम पर बनाया और उस ग्रुप में ये अश्लील बातें, अश्लील सामग्री साझा की थी। जब मामले का खुलासा हुआ तो पुलिस ने ग्रुप के एडमिन को पकड़ा।ओर इनके पकड़ते ही महिला आयोग सहित सारी सरकारी एजंसियां सक्रिय हैं हो गई। इस ग्रुप के अधिकांश छात्र कक्षा ग्यारवी और बारहवीं के हैं और संपन्न परिवारों से ताल्लुक रखते हैं। हैरानी की बात यह है कि जब लॉक डाउन की वजह से ट्यूशन और स्कूल बंद हैं तो किशोर छात्र इस तरह के कामों में अपना समय बिता रहे हैं और इनके माता-पिता को भनक तक नहीं लगी कि बच्चे कर क्या रहे हैं। कोरोना के चलते ऑनलाइन कक्षाओं का चलन बढ़ गया हैं और अभिभावक भी सोचते हैं कि उनके बच्चे मोबाइल पर पढ़ रहे हैं, इसलिए वे उन पर शक नहीं करते। लेकिन कुछ छात्र अभिभावकों के साथ विश्वासघात कर रहे हैं और इस तरह के घिनौने अपराध में लिप्त हो रहे हैं।आजकल अभिभावक और बच्चों के बीच सवांद और विश्वास की कमी साफ देखने को मिल रही हैं। इसी का नतीजा है कि बच्चे हमेशा मोबाइल, वीडियो गेम और अन्य गैजेटों में उलझे रहते हैं। तस्लीम बेनकाब की सभी अभिभावकों से अपील की अपनी जिम्मेदारी समझे और वे बच्चों पर नजर रखें, देखें कि उनका बच्चा घंटों उस आभासी दुनिया में क्या कर रहा है, किसके साथ संपर्क में है। एक रिपोर्ट के अनुसार सोशल मीडिया के ज्यादा प्रयोग से बच्चा इसका आदी हो जाता है और मन ही मन अकेला महसूस करने लगता है। यहीं से अवसाद की शुरूआत हो जाती है। इसलिए अभिभावकों एवं बच्चे के बीच हमेशा संवाद बना रहना चाहिए, ताकि वह बाहरी आभासी आकर्षण एवं गलत लोगों की संगत से बचा रहे। आजकल विविध ऑनलाइन चैनलों के माध्यम से अश्लीलता एवं फूहड़ता से परिपूर्ण वेब सीरीज दिखाई जा रही हैं जिसका गलत असर किशोर के दिलो दिमाग पर पड़ रहा है और इसे देखने से शारीरिक आकर्षण के प्रति उनका मोह एवं रुझान और भी ज्यादा बढ़ने लगता हैं जिस वजह से उनका मन पढ़ाई -लिखाई से भटक जाता हैं एवं वे बॉयज लॉकर रूम जैसे ग्रुप बनाने की ओर बढ़ने लगते हैं।सरकार की भी जिम्मेदारी है कि ऐसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जिनका बॉयज लॉकर रूम जैसे ग्रुप पर नियंत्रण नहीं है, उन पर कठोर कार्रवाई करे और यह सुनिश्चित करे कि नाबालिग इसका उपयोग न कर पाएं।
अभिभावक और बच्चों के बीच सवांद और विश्वास की कमी ले जा रही है अपराधिक कृत्य की ओर