56.1 प्रतिशत भारतीय खाते हैं डिस्काउंट के चक्कर में धोखा, चैरिटी के नाम पर 60 फीसदी ग्राहक जाते हैं ठगे

ऑनलाइन जगत में धोखाधड़ी की संभावना और भी ज्यादा होती है। सायबर सिक्योरिटी कंपनी मैकएफी की रिपोर्ट के मुताबिक 56.1% भारतीय ऑनलाइन खरीदारी के समय में डिसकाउंट से जुड़ी धोखाधड़ी का शिकार बन जाते हैं। डिस्काउंट पाने के चक्कर में उपभोक्ता कई बार ऐसी लिंक पर क्लिक कर देते हैं जो उन्हें संदेहास्पद वेबसाइट या एप पर ले जाती हैं। वहां अगर वे खरीदारी करते ही वे धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं।



डिस्काउंट के अलावा ऑनलाइन रहने वाले भारतीय फर्जी चैरिटी संस्थाओं का भी शिकार बन जाते हैं। ऐसे मामलों में स्कैमर खुद को वास्तविक ट्रस्ट से जुड़ा बताकर और लोगों की भलाई के लिए काम करने का दावा करते हुए लोगों को चूना लगाते हैं। मैकएफी के अनुसार ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार होने वालों में 60.7% लोग फर्जी चैरिटी का शिकार बनते हैं। मैकएफी ने इस तरह की धोखाधड़ी की जानकारी देने के लिए 'अ क्रिसमस कैरोलः स्कैम एडीशन' नाम से रिपोर्ट जारी की है। भारतीय आमतौर पर छलावा देने वाले एप का शिकार बन जाते हैं।



रिपोर्ट में कहा गया है कि साइबर अपराधी लगातार तकनीकी रूप से उन्नत होते जा रहे हैं। हालांकि, ईमेल फिशिंग और टेक्स्ट फिशिंग जैसे पुराने तरीकों से अब भी करीब 25% भारतीय झांसे में आ जाते हैं। नई पीढ़ी को टेक सेवी कहा जाता है लेकिन इसके बावजूद ऑनलाइन धोखाधड़ी के वाकयों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है।


35.4 लोग फंसे डिसकाउंट के झांसे में
35.4% भारतीयों ने माना कि वे डिस्काउंट स्कैम के झांसे में आए। ऐसे संदिग्ध एप आम तौर पर यूजर के डिवाइस में अपनी फाइल डाउनलोड करवा देते हैं। त्योहारी सीजन के दौरान 60.2% उपभोक्ता रोबो कॉलिंग का शिकार हुए। वहीं, 57.1% उपभोक्ता सिम जैकिंग का शिकार हुए। फैमिली वेकेशन और यात्रा अधिकांश लोगों के एजेंडे में होता है। रिपोर्ट के मुताबिक 78.6% भारतीय सीजनल ट्रैवल स्कैम के झांसे में आए हैं।



गिफ्ट कार्ड से पर्सनल डिटेल्स मांगे जाते हैं
गिफ्ट कार्ड के जरिए शिकार बनाने का नया ट्रेंड सामने आया है। 39.3% उपभोक्ताओं को गिफ्ट कार्ड के जरिए फर्जी वेबसाइट तक ले जाया जाता है। वहां उनसे नाम, टेलीफोन नंबर, क्रेडिट कार्ड की डिटेल्स जैसी पर्सनल जानकारियां भरवा ली जाती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक धोखाधड़ी का शिकार हुए 40% लोगों ने 10 हजार से 15 हजार रुपए तक गंवाए हैं। युवा भी ऑनलाइन धोखाधड़ी से अछूते नहीं हैं। 18 से 24 साल के 52.6% युवा रोमांस स्कैम का शिकार बनते हैं।